अधूरा लेख.....
कई दीना में आज लिखन की सोची कलम लिखन तै नाटगी नूय बोली पल्हा कर पूरा वो लेख जो रह रा अधूरा सै मका रै भोली कलम मत कुर्दे ढ़के जखमा नै बोली मैंने आज तू कायर लगे सै जो लिखन नै नाटे सै..... मका रै कायर क्योनी तू लेख लिखा ले किसे पे मेरा लगना घंटा आधा सै पर ना जिक्र करे उसका जो रह रा लेख अधूरा सै इसा तने छोढा कोनसा लेख अधूरा सै जैय चाली आज उस लेख पे सोच मेरी यों पन्ना गिला हो जागा होजा चालना मुश्किल तेरा